Jammu-Kashmir समेत 6 राज्यों में हाई अलर्ट, 1 दिन में हुई देश की सबसे बड़ी मॉक ड्रिल

Jammu-Kashmir, गुजरात समेत 6 राज्यों में आज ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल की गई। एयर स्ट्राइक, ब्लैकआउट और इमरजेंसी अलर्ट जैसे हालातों का अभ्यास किया गया। जानिए ऑपरेशन की हर डिटेल।
लखनऊ 31 मई 2025: भारत सरकार ने आज एक बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल—ऑपरेशन शील्ड (Operation Shield) का आयोजन किया, जिसमें Jammu-Kashmir, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों को शामिल किया गया। इस ड्रिल का उद्देश्य पाकिस्तान की सीमा से लगते संवेदनशील इलाकों में आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षा बलों और नागरिक व्यवस्थाओं की तत्परता को परखना था।
ड्रिल के प्रमुख हिस्से:
- एयर स्ट्राइक सिम्युलेशन:
विभिन्न राज्यों में लड़ाकू विमानों की उड़ान और बमबारी के अभ्यास किए गए। सुरक्षा बलों ने राडार इंटरसेप्ट और मिसाइल शील्ड एक्टिवेशन का भी अभ्यास किया। - ब्लैकआउट एक्सरसाइज़:
सीमावर्ती जिलों में रात के समय बिजली की आपूर्ति पूरी तरह बंद की गई। इसका उद्देश्य हवाई हमलों के समय दुश्मन की निगरानी को मुश्किल बनाना था। - इमरजेंसी अलर्ट और सिविल डिफेंस:
जिलों में सायरन बजाकर नागरिकों को अलर्ट किया गया। स्कूलों, अस्पतालों और शेल्टर होम्स में लोगों को सुरक्षित पहुंचाने का अभ्यास किया गया। - कम्युनिकेशन नेटवर्क टेस्ट:
ड्रोन इंटरसेप्शन, सेटेलाइट फोन और रेडियो फ्रीक्वेंसी पर रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन किया गया।
Jammu-Kashmir में विशेष तैयारियां:
Jammu-Kashmir में ये ड्रिल विशेष रूप से संवेदनशील मानी गई। यहां LOC के नजदीकी इलाकों में सेना, BSF और स्थानीय प्रशासन ने सामूहिक रूप से अभ्यास किया। बंकरों की स्थिति, मेडिकल सुविधा और नागरिकों की रेस्क्यू प्रक्रिया का रियल टाइम रिव्यू किया गया।
यह अभ्यास ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ और ड्रोन गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में संदिग्ध गतिविधियां देखी गई थीं। इसी के चलते इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। केंद्र और राज्य सरकार की समन्वित भूमिका:
इस अभ्यास में NDMA, NDRF, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सेना, वायुसेना, और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की।
ऑपरेशन शील्ड भारत की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन क्षमता को जमीनी स्तर पर परखने का एक बड़ा कदम है। Jammu-Kashmir जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इस तरह की मॉक ड्रिल्स से न केवल सुरक्षाबलों की तत्परता बढ़ती है बल्कि आम नागरिकों को भी आपातकालीन स्थितियों के प्रति जागरूक किया जा सकता है।
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