चैत्र पूर्णिमा पर हुआ दिव्य आयोजन, आस्था से गूंजे मंदिर और घर

भारत में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ एक विशेष पर्व मनाया जाता है, जिसमें लोगों की आस्था और विश्वास का अनूठा संगम देखने को मिलता है। यह दिन उन भक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, जो आत्मबल और बुद्धिबल की प्राप्ति के लिए उपासना करते हैं।
12 अप्रैल 2025 को देशभर में इस पर्व का उल्लास देखने को मिला, जहाँ मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, अखंड रामायण पाठ और भजन-संध्याओं का आयोजन किया गया। भक्तों ने सुबह से ही व्रत रखकर, धूप-दीप और पुष्प अर्पण कर श्रद्धा से आराधना की। इस दिन विशेष रूप से बल, बुद्धि, भक्ति और निर्भयता की प्रेरणा देने वाले आराध्य के जन्म की स्मृति में अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ अवसर पर उपासना करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं, मानसिक दृढ़ता बढ़ती है और पारिवारिक सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन घरों में प्रसाद वितरण, सुंदरकांड पाठ और सामूहिक आयोजन व्यापक रूप से देखे गए।
यह पर्व भारत के कोने-कोने में भक्तिभाव के साथ मनाया जाता है, और इसका सांस्कृतिक महत्व भी अत्यंत गहरा है। यही वजह है कि इस अवसर पर जनमानस में एक विशेष ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है।