Operation Sindhu के तहत 1,000+ भारतीय ईरान से सुरक्षित लौटे, भारत ने फिर रचा बचाव का इतिहास

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Operation Sindhu

Operation Sindhu के तहत भारत सरकार ने ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच 1,117 भारतीयों को सुरक्षित देश वापस लाया। जानिए ऑपरेशन सिंधु का उद्देश्य, नाम का महत्व और भारतीयों की प्रतिक्रिया।

लखनऊ 22 जून 2025: ऑपरेशन सिंधु (Operation Sindhu) भारत सरकार द्वारा चलाया गया एक विशेष बचाव अभियान है, जिसका उद्देश्य ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित देश वापस लाना है। यह नाम ‘सिंधु‘ इसलिए दिया गया क्योंकि यह प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता और ऐतिहासिक सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है, जो भारत और मध्य एशिया को जोड़ती है। यह नाम संकट के समय अपने नागरिकों को सुरक्षित लाने की भारत की गहरी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

अब तक 1,117 भारतीयों की वापसी

Operation Sindhu के तहत अब तक कुल 1,117 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत लाया गया है।

  • 22 जून की रात: 290 नागरिकों को लेकर प्लेन नई दिल्ली पहुंचा
  • 22 जून दोपहर 4:30 बजे: 310 नागरिकों का जत्था आया
  • 20 जून रात: दो बैचों में 407 भारतीय लौटे, जिनमें 190 कश्मीरी छात्र शामिल थे
  • 20 जून रात 3 बजे: 117 लोगों की एक फ्लाइट दिल्ली पहुंची
  • 19 जून: 110 छात्र आर्मेनिया और दोहा के रास्ते लौटे

Operation Sindhu: भावुक कर देने वाले पल

दिल्ली एयरपोर्ट पर भारतीयों का स्वागत ‘वन्दे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से हुआ। कई यात्रियों की आंखें नम थीं, कुछ ने ज़मीन पर सिर टेककर मातृभूमि को नमन किया। कुछ भावुक यात्रियों ने कहा:

  • फातिमा: “मैं प्रधानमंत्री मोदी की बहुत आभारी हूं… अब अपने देश लौटकर शांति महसूस हो रही है।”
  • सैयद मंसूर हुसैन: “भारत मां की सरज़मीं पर आकर सजदा किया। भारत से प्यार करता हूं।”
  • अशफाक: “भारतीय दूतावास ने हमारी अच्छी देखभाल की, शुक्रगुजार हूं।”
  • एलिया बतूल: “परिवार बहुत परेशान था, यहां आकर सुकून मिला।”

ईरान ने खोला एयरस्पेस, भारत ने चलाया ऑपरेशन

ईरान ने भारत को अपने एयरस्पेस का उपयोग करने की इजाजत दी, जिससे करीब 1,000 भारतीयों को माशहद पहुंचाया गया। इन्हें माहान एयरलाइंस की चार्टर फ्लाइट्स से भारत लाया गया। इस पूरे अभियान का कोऑर्डिनेशन भारतीय दूतावास और ईरानी प्रशासन ने मिलकर किया।

ईरानी दूतावास के मिशन उप प्रमुख मोहम्मद जवाद हुसैनी ने कहा, “जरूरत पड़ने पर और फ्लाइट्स भेजी जाएंगी।”

Operation Sindhu की अहमियत

  • यह भारतीय विदेश नीति की जनकल्याण और नागरिक सुरक्षा पर आधारित प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
  • छात्रों, कामगारों और परिवारों को सुरक्षित लौटाने की तत्काल रणनीतिक क्षमता का उदाहरण है।
  • यह संकट में भारत के वैश्विक कूटनीतिक प्रभाव और त्वरित बचाव योजनाओं की मिसाल है।

Operation Sindhu की रणनीति और प्रबंधन

1. विदेश मंत्रालय की सक्रिय भूमिका:
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंधु को सफल बनाने के लिए विदेशों में भारतीय दूतावासों को सक्रिय किया। ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों और नागरिकों का डेटा संकलित किया, उनकी प्राथमिकताएं लीं, और सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी आवास की व्यवस्था की।

2. तीन चरणों में चला अभियान:
ऑपरेशन सिंधु को तीन प्रमुख चरणों में क्रियान्वित किया गया:

  • पहला चरण: ईरान में फंसे नागरिकों की पहचान और स्थान निर्धारण।
  • दूसरा चरण: उन्हें माशहद और तेहरान जैसे सुरक्षित हब तक पहुंचाना।
  • तीसरा चरण: चार्टर फ्लाइट्स के माध्यम से भारत वापसी।

3. चार्टर फ्लाइट्स और एयरलाइंस का सहयोग:
भारत सरकार ने ईरानी एयरलाइंस माहान एयर से विशेष अनुमति प्राप्त कर तीन चार्टर फ्लाइट्स चलाईं। ये फ्लाइट्स माशहद और तेहरान से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ऑपरेट की गईं।

4. हेल्पलाइन और परिवारों से संपर्क:
विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंधु के दौरान भारत में हेल्पलाइन नंबर सक्रिय किए। इसके अलावा MEA India, IndianEmbassyTehran और DGCA जैसे आधिकारिक ट्विटर हैंडल्स पर अपडेट दिए जाते रहे, जिससे परिवारजनों को सही सूचना मिलती रही।

Operation Sindhu का मानवीय दृष्टिकोण और भावनात्मक जुड़ाव

  • भारत लौटने वाले कई छात्र और नागरिक भावुक हो गए थे। उन्होंने भारत सरकार की सराहना करते हुए कहा कि संकट के समय सरकार ने उन्हें अकेला नहीं छोड़ा।
  • कुछ छात्रों ने बताया कि ईरान में कई दिनों तक उन्होंने बंकरों में समय बिताया, जहां खाने और पीने की सामग्री की आपूर्ति सरकार की तरफ से की गई।
  • दिल्ली लौटने के बाद मेडिकल टीमों ने सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। थर्मल स्क्रीनिंग, RT-PCR टेस्ट और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श जैसी सुविधाएं भी दी गईं।
  • ऑपरेशन सिंधु में महिला यात्रियों और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई। विशेष सहायक दल उनके लिए नियुक्त किए गए थे।

Operation Sindhu: भविष्य की नींव

  • भारत सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में भी ऐसे किसी भी संभावित संकट के लिए ऑपरेशन सिंधु जैसा प्रोटोकॉल विकसित किया जाएगा।
  • भारत की वैश्विक साख को इस रेस्क्यू मिशन ने और मजबूत किया है, और यह ऑपरेशन वंदे भारत, ऑपरेशन गंगा जैसी पूर्ववर्ती अभियानों की कड़ी में एक और मील का पत्थर बन गया है।

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