Bakrid 2025: लखनऊ में धार्मिक उत्साह से मनाई गई ईद-उल-अजहा, सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम!
लखनऊ में Bakrid के मौके पर नमाज़ अदा की गई और लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। जानें कैसे शहर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए और कुर्बानी के दिशा-निर्देश।

लखनऊ, 7 जून : Bakrid (ईद-उल-अजहा) के पावन अवसर पर शनिवार को लखनऊ के प्रमुख मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज़ अदा की गई। शहरवासियों ने अकीदत के साथ प्रार्थना की और एक-दूसरे को गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी। इस दौरान पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
प्रमुख मस्जिदों में Bakrid की नमाज का समय
- ऐशबाग ईदगाह – सुबह 10 बजे
- आसिफी मस्जिद – सुबह 11 बजे
- टीले वाली मस्जिद – सुबह 9 बजे
- दरगाह शाहमीना शाह मस्जिद – समयानुसार
इमामों ने लोगों से अपील की कि वे घरों में ही कुर्बानी करें और सफाई का विशेष ध्यान रखें। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि “कुर्बानी केवल उन्हीं जानवरों की करें जिन पर कानूनी पाबंदी न हो और अवशेष नगर निगम के निर्देशित स्थानों पर ही डिस्पोज करें।”
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
Bakrid के मौके पर लखनऊ पुलिस ने शहर को 4 जोन और 18 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की। 94 ईदगाह और 1210 मस्जिदों के आसपास विशेष सुरक्षा तैनात की गई, जिनमें 64 अति संवेदनशील स्थल शामिल थे।
सुरक्षा बलों की तैनाती:
- पीएसी और आरएएफ की टीमें
- ड्रोन और सीसी कैमरों से निगरानी
- 6 डीसीपी, 10 एडीसीपी, 52 इंस्पेक्टर, 3000+ पुलिसकर्मी
- एंटी-टेरर स्क्वॉड और क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT)
जेसीपी (कानून व्यवस्था) बबलू कुमार ने बताया कि “प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी या सार्वजनिक स्थलों पर मांस फेंकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।”
लोगों से की गई अपील
- केवल अनुमति प्राप्त स्थलों पर ही कुर्बानी करें।
- कुर्बानी के बाद खून व अवशेष नालियों में न बहाएं।
- नगर निगम के निर्देशित डस्टबिन में ही कचरा डालें।
बकरीद के इस पावन मौके पर सभी ने देश की तरक्की और शांति के लिए दुआ मांगी।