Yogi Adityanath का बड़ा बयान: “अहिल्याबाई होल्कर सनातन धर्म और सुशासन की प्रेरणा”

मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का योगदान सनातन धर्म की नींव है। जानिए कैसे उनके विचारों को आज ‘विकास और विरासत’ अभियान में रूपांतरित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने राजधानी लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में आयोजित ‘पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान-2025’ के शुभारंभ कार्यक्रम में कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने सनातन धर्म, सेवा और सुशासन के जो मानक स्थापित किए, वे आज भारत के नव निर्माण का आधार हैं।
Yogi Adityanath ने कहा: अहिल्याबाई धर्म, सेवा और शक्ति की त्रिमूर्ति
“लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया कार्य हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने जो नींव रखी, आज वही प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में ‘विकास और विरासत’ अभियान की आत्मा बन चुकी है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐतिहासिक पुरुषों और महिलाओं के योगदान को लंबे समय तक इतिहास से मिटा दिया गया, विशेष रूप से उन नायकों को जो हिंदू संस्कृति और धर्म की रक्षा में अग्रणी थे।
महाराजा सुहेलदेव का भी किया गौरवगान
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाराजा सुहेलदेव जैसे योद्धाओं को इतिहास से जानबूझकर गायब किया गया।
“सुहेलदेव ने सालार मसूद जैसे आक्रांता को हराकर भारत की रक्षा की। ऐसे वीरों की गाथा को जन-जन तक पहुंचाना होगा।”
महिला सशक्तिकरण में योगी सरकार का कदम
Yogi Adityanath ने बताया कि उनकी सरकार ने वीरांगनाओं के नाम पर पीएसी की नई बटालियन बनाई है और पुलिस बल में महिलाओं को 20% आरक्षण देकर समाज में बदलाव की नींव रखी है।
Yogi Adityanath नेअहिल्याबाई परीक्षा एप लॉन्च किया: एक करोड़ छात्रों का लक्ष्य
इस अवसर पर “अहिल्याबाई परीक्षा एप” का भी लोकार्पण हुआ, जिसका उद्देश्य युवाओं को अहिल्याबाई के जीवन, सिद्धांतों और कर्तव्यों से जोड़ना है।
इसके माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा कराई जाएगी और एक करोड़ छात्रों को जोड़ने का लक्ष्य है।
पुस्तक विमोचन और विचार श्रृंखला
कार्यक्रम में अहिल्याबाई होल्कर पर आधारित नई पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बी.एल. संतोष ने कहा:
“शिवाजी, महाराणा प्रताप और अहिल्याबाई जैसे नायकों को पाठ्यक्रम से बाहर रखना हमारी ऐतिहासिक भूल रही है।”
Yogi Adityanath की ऐतिहासिक पुनर्जागरण की पहल
Yogi Adityanath एक बार फिर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करने वाले नेताओं के रूप में उभर रहे हैं। उनका प्रयास सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जागरण की दिशा में एक सशक्त कदम है।
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