World Population Day 2025: जानिए भारत की जनसंख्या स्थिति, ‘Empowerment’ ही है जनसंख्या समाधान की चाबी

World Population Day 2025 की थीम है “युवाओं को सशक्त बनाना”। जानिए इसका इतिहास, भारत की जनसंख्या की स्थिति और इस दिन का महत्व।
लखनऊ, 11 जुलाई 2025: हर साल 11 जुलाई को पूरी दुनिया “World Population Day“ यानी “विश्व जनसंख्या दिवस” मनाती है। यह दिन न केवल जनसंख्या वृद्धि के खतरों को उजागर करता है, बल्कि इस विषय पर वैश्विक जागरूकता और कार्यनीति का भी हिस्सा बनता है।
2025 में यह दिन और भी खास है क्योंकि इस साल की थीम है:
“युवा लोगों को एक निष्पक्ष और आशापूर्णा दुनिया में अपनी मनचाही फैमिली बनाने के लिए सशक्त बनाना है”
यह थीम बताती है कि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत — युवावर्ग — तभी उन्नति कर सकता है जब उन्हें सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी बराबरी मिले, जिससे वे अपनी मर्जी की पारिवारिक संरचना चुन सकें।
कब और क्यों मनाया जाता है World Population Day?
World Population Day को पहली बार 1989 में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इसका उद्देश्य था – दुनिया को इस सच्चाई से अवगत कराना कि अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि मानवता, संसाधनों और पृथ्वी के संतुलन पर कितना गहरा प्रभाव डाल रही है।
यह विचार 11 जुलाई 1987 को दुनिया की जनसंख्या 5 अरब पार करने के बाद आया। उस ऐतिहासिक दिन को “Five Billion Day” कहा गया। तभी से हर साल 11 जुलाई को World Population Day के रूप में मनाया जाने लगा।
World Population Day 2025 की थीम:
“Empowering young people to build a fair and hopeful future with their families of choice” — यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि युवा अधिकारों की वैश्विक मांग है।
World Population Day 2025 की थीम केंद्रित है:
- युवा अधिकारों की रक्षा
- शिक्षा और यौन-स्वास्थ्य संबंधी जानकारी
- गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता
- लैंगिक समानता
- विवाह और संतान की स्वतंत्र पसंद
इसका उद्देश्य है कि हर युवा को यह स्वतंत्रता हो कि वह अपने भविष्य की दिशा, विवाह और परिवार नियोजन संबंधी निर्णय स्वयं ले सके, ना कि सामाजिक दबाव या संसाधनों की कमी के चलते।
भारत की जनसंख्या स्थिति: आंकड़े जो चौंकाते हैं

भारत की जनसंख्या 2024 में ही चीन को पार कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गई। 2025 में भारत की जनसंख्या लगभग 143 करोड़ से अधिक है और यह तेजी से बढ़ती जा रही है।
भारत की जनसंख्या से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें:
- भारत की जनसंख्या विश्व की कुल आबादी का लगभग 17.8% है।
- हर साल लगभग 2.3 करोड़ नए बच्चे जन्म लेते हैं।
- उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य अब भी उच्च जनसंख्या वृद्धि दर से जूझ रहे हैं।
- भारत की औसत जनसंख्या घनत्व 480 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो दुनिया में सबसे अधिक में से एक है।
- 2025 में भारत की लगभग 65% आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है।
भारत की बढ़ती जनसंख्या का सीधा प्रभाव शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, आवास, जल संसाधन और बेरोजगारी पर पड़ रहा है।
परिवार नियोजन की चुनौतियां
हालांकि भारत में परिवार नियोजन अभियान कई दशकों से चल रहा है, लेकिन अब भी ग्रामीण और अशिक्षित वर्गों में इस विषय पर जागरूकता की भारी कमी है।
- गर्भनिरोधक साधनों की पहुंच अब भी सीमित है।
- महिला सशक्तिकरण और पुरुषों की भागीदारी की दर अब भी कम है।
- बाल विवाह, कम उम्र में मातृत्व और सामाजिक दबाव महिलाओं की सेहत पर प्रभाव डालते हैं।
युवा सशक्तिकरण से ही समाधान संभव है
इस साल की थीम के अनुरूप, यदि भारत को जनसंख्या संकट से बाहर निकालना है, तो युवाओं को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना होगा।
- सेक्स एजुकेशन को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से युवाओं को फैमिली प्लानिंग विकल्पों की जानकारी दी जानी चाहिए।
- स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
- महिलाओं को फाइनेंशियल और सामाजिक सशक्तिकरण देना आवश्यक है।
सरकार और समाज की भूमिका
भारत सरकार ने ‘मिशन परिवार विकास’, ‘जनसंख्या स्थिरीकरण कोष’ जैसे कई प्रयास किए हैं, लेकिन ये प्रयास तभी सफल होंगे जब समाज भी मिलकर जागरूकता फैलाए।
- पंचायत और समुदाय स्तर पर जनसंख्या विषय पर चर्चाएं हों।
- सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर युवाओं से संवाद किया जाए।
- मीडिया और सेलेब्रिटी के माध्यम से जिम्मेदार पैरेंटहुड को बढ़ावा दिया जाए।
जनसंख्या नियंत्रण नहीं, सशक्तिकरण है असली रास्ता
World Population Day 2025 सिर्फ जनसंख्या को रोकने का नहीं, बल्कि लोगों को उनके फैसलों के लिए सशक्त करने का दिन है।
अगर हम चाहते हैं कि भारत और दुनिया स्थिरता की ओर बढ़े, तो हमें यह समझना होगा कि “जबरदस्ती नहीं, जागरूकता और विकल्प ही समाधान हैं।”
इस साल की थीम एक नई दिशा की ओर इशारा करती है, जहाँ हर युवा को सम्मान, अवसर और स्वतंत्रता मिले — ताकि वो न केवल एक स्वस्थ परिवार बना सके, बल्कि एक आशापूर्ण दुनिया का निर्माण भी कर सके।
ये भी पढ़ें: “मुरादाबाद में हाईवे पर शिव भक्तों को धोखा? Neelkanth नाम, लेकिन मालिक शराफत (Sharafat)!