World Environment Day 2025: प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ भारत की 5 बड़ी पहल

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World Environment Day 2025″ इस साल 5 जून को ‘प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं’ थीम के साथ मनाया जा रहा है। जानिए इसकी शुरुआत, भारत सरकार की पहलें और कैसे हम सभी इस मिशन में भागीदार बन सकते हैं।

लखनऊ 5 जून 2025: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है, जिसे पर्यावरण के संरक्षण और जागरूकता के लिए दुनिया का सबसे बड़ा मंच माना जाता है। 2025 में, इस दिन का आयोजन कोरिया गणराज्य के जेजू शहर में किया जा रहा है। इस वर्ष की थीम है “#BeatPlasticPollution”, यानी “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं”, जो दुनियाभर को एकजुट होकर इस पर्यावरणीय संकट से निपटने की प्रेरणा देती है।

विश्व पर्यावरण दिवस (World Enviroment Day) की शुरुआत कैसे हुई?

World Enviroment Day की स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी, और पहली बार इसे 1974 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य है लोगों को प्रकृति से जोड़ना, जागरूकता बढ़ाना और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के खिलाफ ठोस कार्रवाई को प्रोत्साहित करना।

प्लास्टिक प्रदूषण के आंकड़े चौंकाने वाले हैं

  • हर साल करीब 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से लगभग 50% सिंगल यूज प्लास्टिक होती है।
  • विश्वभर में हर मिनट 1 मिलियन प्लास्टिक की बोतलें खरीदी जाती हैं
  • भारत में 2019-20 में लगभग 34 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ था, जिसमें से केवल 60% का ही पुनर्चक्रण किया गया।

भारत सरकार की पहल: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्वच्छ भारत’ से लेकर प्लास्टिक बैन तक

भारत ने पर्यावरण की रक्षा के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं:

  1. सिंगल यूज प्लास्टिक बैन (2022): भारत सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे थर्मोकॉल, स्ट्रॉ, प्लास्टिक प्लेट्स आदि का उत्पादन और उपयोग बंद हुआ।
  2. प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम: 2016 और 2022 के संशोधित नियमों के अंतर्गत, कंपनियों को अपने उत्पादित प्लास्टिक कचरे की जिम्मेदारी स्वयं उठानी होगी।
  3. ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘हर घर जल’: ये दोनों कार्यक्रम भी जल संरक्षण, स्वच्छता और पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा देने में सहायक रहे हैं।
  4. ग्रीन इंडिया मिशन और नेशनल सोलर मिशन: पर्यावरण की दिशा में दीर्घकालिक प्रयास के तहत भारत ने वन क्षेत्र में बढ़ोतरी, सौर ऊर्जा और जैविक खेती जैसे कई अभियान शुरू किए हैं।

जनभागीदारी ही असली बदलाव की कुंजी

सरकार की पहल तभी सफल होती है जब नागरिक उसमें सक्रिय भाग लें। इस वर्ष #WorldEnvironmentDay के अवसर पर, देशभर में स्कूलों, कॉलेजों, एनजीओ और कॉर्पोरेट सेक्टर द्वारा प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए रैलियाँ, वर्कशॉप्स और सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं।

सिर्फ थीम नहीं, जीवनशैली बनाएं

World Environment Day महज एक दिन नहीं, बल्कि एक ऐसा अवसर है जब हमें यह सोचने का मौका मिलता है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कैसी धरती सौंपना चाहते हैं। हर पेड़ जो आज लगाया जाएगा, वह कल के लिए ऑक्सीजन देगा। हर बूँद पानी जो आज बचाई जाएगी, वह किसी की प्यास बुझाएगी।

भारत, अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत में पर्यावरण को देवता मानता आया है — चाहे वो वृक्ष हों, नदियाँ हों या पशु-पक्षी। अब समय आ गया है कि हम इन मूल्यों को केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रखें, बल्कि अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।यदि हम सभी मिलकर #BeatPlasticPollution का हिस्सा बनें, तो पृथ्वी को एक बार फिर हरित, स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

क्योंकि जब तक धरती सुरक्षित है, तब तक जीवन संभव है।
तो आइए, प्रकृति से फिर से दोस्ती करें — इस बार हमेशा के लिए।

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