World Blood Donor Day 2025: 18,000 मौतें हर साल, क्या आप बनेंगे जीवनदाता?

World Blood Donor Day 2025 पर जानिए थीम ‘Give blood, give hope’, इस दिन की कहानी, भारत में रक्तदान की स्थिति, मौतों का आंकड़ा और रक्तदान से जुड़ी जरूरी बातें।
लखनऊ 14 जून 2025: विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) हर साल 14 जून को मनाया जाता है, यह दिन रक्तदान के महत्व को समझाने और स्वैच्छिक रक्तदाताओं को धन्यवाद देने के लिए समर्पित है। इस तारीख का चुनाव इसलिए हुआ क्योंकि यह डॉ. कार्ल लैंडस्टीनर का जन्मदिन है, जिन्होंने रक्त समूह प्रणाली (ABO) की खोज की थी और इसके लिए 1930 में नोबेल पुरस्कार भी जीता।
यह दिवस 2004 में WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन), IFRC, आईएसबीटी, और आईएफबीडीओ के सहयोग से शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य रक्तदान की वैश्विक आवश्यकता पर प्रकाश डालना और नियमित रक्तदाताओं की संख्या बढ़ाना है।
भारत में रक्तदान की स्थिति
भारत में हर साल लगभग 1.5 करोड़ यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है, लेकिन कमी के कारण 25-30% ब्लड डिमांड अधूरी रह जाती है।
2023 के आंकड़ों के अनुसार:
- 18,000 से अधिक मरीजों की मृत्यु समय पर रक्त न मिलने से हुई।
- केवल 1% आबादी नियमित रूप से रक्तदान करती है।
देश में आज भी जागरूकता की कमी, डर और मिथकों की वजह से लोग रक्तदान से कतराते हैं।
World Blood Donor Day 2025 theme
2025 की थीम “Give blood, give hope: together we save lives” हमें यह संदेश देती है कि रक्तदान सिर्फ एक चिकित्सा क्रिया नहीं है, बल्कि जीवन के लिए आशा की किरण है। जब एक रक्तदाता अपने शरीर का कुछ हिस्सा किसी और को देता है, वह केवल खून नहीं देता — वह ज़िंदगी और उम्मीद देता है।
रक्तदान करने से पहले और बाद में क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
- रक्तदान से पहले हल्का भोजन करें।
- खूब पानी पिएं।
- रक्तदान के बाद 10-15 मिनट आराम करें।
- आयरन और प्रोटीन युक्त आहार लें।
क्या न करें:
- खाली पेट रक्तदान न करें।
- रक्तदान के बाद तुरंत धूम्रपान, शराब या भारी व्यायाम न करें।
- बीमार होने पर रक्तदान न करें।
- अगर हाल में टैटू बनवाया हो या सर्जरी हुई हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
रक्तदान के फायदे और प्रेरणा:
- एक यूनिट ब्लड 3 ज़िंदगियाँ बचा सकता है।
- यह हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा है।
- शरीर में आयरन का संतुलन बनाए रखता है।
- आत्म-संतोष और सामाजिक योगदान की भावना पैदा करता है।
रक्त की कमी से होने वाली मौतें
भारत जैसे देश में हर साल रक्त की कमी के कारण:
- 10,000 से अधिक महिलाओं की मृत्यु प्रसव के दौरान होती है।
- लड़कपन और युवावस्था के 8% कैंसर मरीज समय पर ब्लड न मिलने से दम तोड़ देते हैं।
- थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसे मरीजों को नियमित रूप से रक्त की ज़रूरत होती है।
जब किसी अस्पताल के कॉरिडोर में एक माँ अपने बच्चे के लिए रोती है, जब एक जवान सड़क दुर्घटना में तड़पता है, या जब एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चा हर महीने खून का इंतजार करता है — तब एक यूनिट रक्त उनके लिए सिर्फ जीवन नहीं, एक नई सुबह, एक और साँस और फिर से जीने की उम्मीद लेकर आता है।
World Blood Donor Day 2025 सिर्फ एक तारीख नहीं है, यह हमें याद दिलाता है कि हमारे शरीर में बहता रक्त किसी और की ज़िंदगी को संजीवनी दे सकता है।
हर बार जब आप रक्तदान करते हैं, आप किसी अनजान इंसान के जीवन की डोर थाम लेते हैं — बिना जाने, बिना पहचान के, सिर्फ इंसानियत के रिश्ते से।
तो आइए, इस 14 जून World Blood Donor Day को हम सब मिलकर एक संकल्प लें —
“मैं रक्तदान करूंगा, क्योंकि मेरी रगों में सिर्फ खून नहीं, किसी की ज़िंदगी बहती है।”
खून दीजिए, उम्मीद दीजिए — साथ मिलकर ज़िंदगियाँ बचाइए।
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