उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही, 25 होटल बह गए! सैकड़ो लापता !

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cloudburst Uttarkashi

उत्तराखंड केUttarkashi में बादल फटने (cloudburst)से भयंकर तबाही, खीर गंगा नदी में आई बाढ़ ने 20 से अधिक होटल बहा दिए। CM धामी ने जताया दुख।


Uttarkashi , उत्तराखंड 5 Aug : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली क्षेत्र में बादल फटने(Cloudburst) से भयंकर तबाही मची है। इस घटना के बाद खीर गंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे पहाड़ों से मलबे का भारी सैलाब उतर आया। इस सैलाब ने अपने रास्ते में आने वाले दर्जनों मकानों और होटलों को बहा दिया। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 20-25 होटल और होम स्टे पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ भयावह वीडियो

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे नदी में अचानक भारी मात्रा में पानी और मलबा उमड़कर आया। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ ही पलों में पानी का वेग इतना तेज हो गया कि उसने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहा दिया। इस हादसे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुख, राहत कार्य तेज

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से मदद के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

धामी ने कहा, “हम लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी।”

क्या होता है बादल फटना (Cloudburst) ?

बादल फटना एक अचानक और भारी वर्षा की घटना है, जिसमें कुछ ही मिनटों में इतना पानी बरसता है कि नदियों और नालों में तेज बाढ़ आ जाती है। यह घटना पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष रूप से खतरनाक होती है, क्योंकि इससे मलबे का भारी प्रवाह बन जाता है, जो कुछ भी रास्ते में आता है, उसे बहा ले जाता है।

स्थानीय लोगों की मदद के लिए आगे आएं

इस आपदा के बाद स्थानीय प्रशासन ने लोगों से मदद की अपील की है। राहत शिविरों को तैनात किया गया है, और जरूरतमंदों को भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अगर आप भी मदद करना चाहते हैं, तो स्थानीय अधिकारियों या एनजीओ से संपर्क कर सकते हैं।

इस घटना ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क रहने की जरूरत को रेखांकित किया है। उत्तराखंड जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मौसम की चेतावनियों को गंभीरता से लेना और आपदा प्रबंधन को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है।

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