Uttar Pradesh का Bold Power Move: अब इन छात्रों को हर साल मिलेगी ₹6000 की यात्रा सहायता

Uttar Pradesh सरकार ने दूरदराज़ गांवों में रहने वाले स्कूली बच्चों को हर साल 6000 रुपये यात्रा सहायता देने का ऐलान किया है। जानिए इस योजना का लाभ किन्हें मिलेगा और कैसे मिलेगा।
लखनऊ, 14 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने राज्य के लाखों स्कूली बच्चों को राहत देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब जो छात्र सरकारी स्कूल से 5 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर रहते हैं, उन्हें राज्य सरकार की ओर से सालाना 6000 रुपये यात्रा सहायता दी जाएगी। यह निर्णय शिक्षा की राह में आने वाली भौगोलिक बाधाओं को दूर करने और ड्रॉपआउट दर को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- दूर-दराज़ गांवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल पहुंचने में सहूलियत देना।
- अभिभावकों पर पड़ने वाला यात्रा व्यय का बोझ कम करना।
- स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी लाना।
- बेटियों की पढ़ाई को बढ़ावा देना।
Uttar Pradesh के किन छात्रों को मिलेगा लाभ?
यह योजना फिलहाल Uttar Pradesh के बुंदेलखंड और सोनभद्र क्षेत्र में लागू की जा रही है। इन क्षेत्रों के 8 जिलों में यह सुविधा दी जाएगी:
- झांसी
- चित्रकूट
- जालौन
- हमीरपुर
- महोबा
- बांदा
- सोनभद्र
- ललितपुर
इन जिलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के वे छात्र जिनके घर से किसी भी सरकारी स्कूल की दूरी कम से कम 5 किलोमीटर है, इस योजना के पात्र होंगे।
योजना के अंतर्गत कितनी राशि मिलेगी?
इस योजना के तहत पात्र छात्रों को हर साल ₹6000 रुपये की यात्रा सहायता दी जाएगी। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से छात्रों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। इस पैसे का उपयोग छात्र स्कूल आने-जाने के लिए ऑटो, बस या अन्य यातायात साधनों में कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री श्री योजना की छात्राएं भी होंगी लाभान्वित
इस योजना का लाभ प्रधानमंत्री श्री योजना के तहत चयनित 146 सरकारी स्कूलों की छात्राओं को भी दिया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों को खासतौर पर लाभ मिलेगा, क्योंकि लंबे सफर के चलते कई छात्राएं स्कूल छोड़ देती थीं।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्रों को एक आवेदन पत्र भरना होगा जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि उनके घर से 5 किलोमीटर के दायरे में कोई भी सरकारी स्कूल मौजूद नहीं है।
आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- छात्र अपने स्कूल में फॉर्म भरकर देंगे।
- फॉर्म को ग्राम प्रधान और स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
- इसके बाद नगर पार्षद या स्थानीय निकाय द्वारा अंतिम वेरिफिकेशन किया जाएगा।
- वेरिफिकेशन पूर्ण होने के बाद लाभार्थी के खाते में ₹6000 की राशि ट्रांसफर की जाएगी।
नियमित उपस्थिति होगी ज़रूरी
छात्रों को इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तों को भी पूरा करना होगा:
- स्कूल में नियमित उपस्थिति होनी चाहिए।
- पिछले वर्ष की तुलना में कम से कम 10% उपस्थिति में वृद्धि होनी चाहिए।
- योजना का लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिलेगा जिनका वेरिफिकेशन पूरी तरह सही और दस्तावेज प्रमाणिक होंगे।
क्यों ज़रूरी है यह योजना?
Uttar Pradesh में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां से स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसके चलते ड्रॉपआउट दर बढ़ती जा रही थी। खासकर बेटियों को स्कूल भेजना अभिभावकों के लिए चुनौती बन जाता था। यात्रा सहायता मिलने से अभिभावकों का आर्थिक बोझ घटेगा और छात्र नियमित रूप से स्कूल जा सकेंगे।
Uttar Pradesh के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
बुंदेलखंड और सोनभद्र जैसे इलाकों में शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा से चुनौतियां रही हैं। इस योजना से वहां शिक्षा की स्थिति में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार शिक्षा को लेकर पहले भी कई योजनाएं लागू कर चुकी है, जैसे कि:
- स्कूल ड्रेस और किताबों की मुफ्त आपूर्ति
- छात्रवृत्ति योजना
- स्कूल में मिड-डे मील योजना
जनता और शिक्षाविदों की प्रतिक्रिया
शिक्षाविदों और सामाजिक संगठनों ने इस योजना की सराहना की है। कई अभिभावकों ने इसे बच्चों की पढ़ाई में “नई ऊर्जा” देने वाली पहल बताया है। उनका मानना है कि इससे गांवों में भी शिक्षा के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ेगी ।
Uttar Pradesh सरकार की यह यात्रा सहायता योजना छात्रों के लिए न केवल आर्थिक सहारा बनेगी, बल्कि शिक्षा की ओर उनका रुझान भी बढ़ाएगी। यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में समानता और पहुंच सुनिश्चित करने का बड़ा कदम है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह योजना पूरे राज्य में लागू की जाएगी और Uttar Pradesh “ड्रॉपआउट फ्री” राज्य बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
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