श्रीनगर में Operation Mahadev: पहलगाम हमलावर मूसा समेत मरे गए 3 आतंकी!

श्रीनगर में Operation Mahadev के तहत पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड मूसा सहित 3 आतंकी ढेर।
श्रीनगर 28 july : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले के हरवन इलाके में मंगलवार को Operation Mahadev के तहत भारतीय सेना और आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा सहित तीन आतंकियों को मार गिराया गया। यह मुठभेड़ जवरवन रिज और महादेव रिज के बीच के क्षेत्र में हुई, जहां सेना ने चाइनीज अल्ट्रा रेडियो सिस्टम की मदद से आतंकियों का पता लगाया।
कैसे हुई मुठभेड़?
- सुबह करीब 11 बजे सेना की एरिया डोमिनेशन पार्टी नियमित गश्त पर थी
- तीन संदिग्ध आतंकियों को देखते ही मुठभेड़ शुरू हो गई
- 6 घंटे तक चली गोलीबारी में सभी आतंकी मारे गए
- मृतक आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर हाशिम मूसा भी शामिल
- दरअसल पहलगाम हमले में 26 बेगुनाह पर्यटकों की मौत के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गईं थी . सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से तलाश की जा रही थी. ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और ह्यूमन खुफिया नेटवर्क के जरिए आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. इसी दौरान एक चौंकाने वाला सुराग मिला- घने जंग में एक चाइनीज अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम एक्टिव हुआ, इसी के जरिये लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी एनक्रिप्टेड मैसेज से आपस में बात कर रहे थे. फिर क्या था, सेना को समझ आ गया कि ये कहां छिपे हैं और फिर शुरू हुआ ‘Operation Mahadev’.
96 दिनों तक कैसे छिपे थे आतंकी?
पहलगाम हमले (जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे) के बाद से:
- ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए खोज जारी थी
- आतंकी चाइनीज अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे थे
- यह तकनीक एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन के लिए जानी जाती है
- सेना को इस सिस्टम के सिग्नल से आतंकियों का पता चला
चाइनीज अल्ट्रा रेडियो सिस्टम क्या है?
- हाई-फ्रिक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेशन तकनीक
- पहाड़ी इलाकों में भी बेहतर काम करता है
- सिग्नल जैम करना मुश्किल
- 2016 से आतंकी संगठनों द्वारा इस्तेमाल
- आपको बता दे चाइनीज अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन एक हाईटेक रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम है, जो हाई फ्रिक्वेंसी और अल्ट्रा-हाई फ्रीक्वेंसी (UHF) बैंड का उपयोग करती है. यह तकनीक मजबूत एन्क्रिप्शन के साथ कम्युनिकेशन को संभव बनाती है. और सबसे खास बात, दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी यह काम करती है. 2016 में इसे ‘WY SMS’ के नाम से जाना गया, जो आतंकवादी संगठनों के लिए एक सुरक्षित कम्युनिकेशन चैनल था. यह सिस्टम चीन की कंपनी ने बनाया है और आतंकी इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, इसकी खासियत यह है कि यह सिग्नल जाम करना मुश्किल है, जिससे यह आतंकियों के लिए पसंदीदा बन गया.
बरामद हुए हथियार
- AK-47 राइफल्स
- हैंड ग्रेनेड
- IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस)
- पहलगाम हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार
प्रतिक्रियाएं
सुरक्षा बलों ने इस Operation Mahadev को बड़ी सफलता बताया है। सेना के एक प्रवक्ता ने कहा:
“यह ऑपरेशन तकनीकी खुफिया जानकारी और सैन्य कौशल का बेहतरीन उदाहरण है। हम आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखेंगे।”
वहीँ राजनीतिक प्रतिक्रियाये भी आनी शुरू हो गई है सपा सांसद रमाशंकर राजभर बोले कि सरकार ने डिबेट के दिन का इंतजार किया, पहले मारे जा सकते थे पहलगाम के आतंकी’, ये Operation Mahadev पहले भी हो सकता था!
Operation Mahadev ने एक बार फिर साबित किया है कि भारतीय सुरक्षा बल आधुनिक तकनीक और रणनीतिक कौशल से लैस हैं। पहलगाम हमले के बाद यह न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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