Radhika Yadav Murder: 25 साल की टेनिस चैंपियन का कातिल बना उसका पिता: जानिये केस की पूरी कहानी

स्टेट लेवल टेनिस खिलाड़ी Radhika Yadav की हत्या उनके ही पिता दीपक यादव ने कर दी। जानिए इस दिल दहला देने वाली वारदात की पूरी कहानी, सोशल मीडिया एंगल और पुलिस जांच।
लखनऊ, 11 जुलाई 2025: 10 जुलाई 2025 का दिन Gurugram के सेक्टर 57 में एक उत्सव की सुबह थी, लेकिन दोपहर होते-होते वह दिन एक भयानक त्रासदी में बदल गया। यह दिन था राधिका यादव की मां मंजू यादव का जन्मदिन, लेकिन उसी दिन 25 वर्षीय टेनिस स्टार Radhika Yadav को उसके ही पिता दीपक यादव ने गोलियों से भून दिया।
Radhika Yadav, जो हरियाणा की स्टेट लेवल टेनिस चैंपियन रही थीं और सोशल मीडिया पर एक उभरती हुई इन्फ्लुएंसर बन रही थीं, अब सिर्फ एक याद बनकर रह गई हैं। आइए जानते हैं इस खौफनाक घटना के पीछे की पूरी कहानी।
जन्मदिन की सुबह जो कभी पूरी नहीं हुई
राधिका सुबह से ही अपनी मां के जन्मदिन की तैयारियों में व्यस्त थी। उनकी मां मंजू यादव बीमार थीं, लेकिन राधिका उनके लिए खास नाश्ता बनाना चाहती थी। वह किचन में जुटी हुई थी, तभी पिता दीपक यादव अपने कमरे से बाहर निकले और अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से बेटी पर तीन गोलियां चला दीं। राधिका मौके पर ही गिर पड़ी।
कौन थीं Radhika Yadav?
Radhika Yadav न सिर्फ एक प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी थीं बल्कि उन्होंने स्टेट लेवल प्रतियोगिताओं में मेडल भी जीते थे। चोट लगने के बाद उन्होंने खेल से ब्रेक लिया और सेक्टर 57 में एक टेनिस अकादमी शुरू की। राधिका ने सोशल मीडिया पर टेनिस, फिटनेस और लाइफस्टाइल से जुड़े वीडियो डालने शुरू किए और जल्द ही एक प्रभावशाली इन्फ्लुएंसर बन गईं। उनके इंस्टाग्राम पर हजारों फॉलोअर्स थे और उन्हें ब्रांड्स से भी ऑफर आने लगे थे।
Radhika Yadav की हत्या का असली कारण?
गुरुग्राम पुलिस के अनुसार, दीपक यादव को Radhika Yadav का टेनिस अकादमी चलाना और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना पसंद नहीं था। उन्हें लगता था कि गांव के लोग ताना मारते हैं कि वह अपनी बेटी की कमाई पर जी रहा है। इसी कुंठा में वह जी रहा था और इस तनाव ने हत्या का रूप ले लिया।
दीपक यादव ने पुलिस को दिए बयान में कहा, “मैंने उसे कई बार कहा कि अकादमी बंद कर दे। मैं समाज में क्या मुंह दिखाऊं, लोग मेरा मजाक उड़ाते हैं। लेकिन वह नहीं मानी।”
वारदात की पूरी कहानी
10 जुलाई को सुबह करीब 10:30 बजे राधिका रसोई में थी। मां अपने कमरे में आराम कर रही थीं और घर में बाकी कोई मौजूद नहीं था। दीपक यादव अचानक अपने कमरे से बाहर आया और राधिका पर एक के बाद एक तीन गोलियां चला दीं। गोली की आवाज सुनकर ऊपर की मंजिल पर मौजूद दीपक का भाई और बेटा दौड़े। राधिका खून से लथपथ पड़ी थी और रिवॉल्वर डाइनिंग टेबल पर रखी हुई थी।
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश
अस्पताल से सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शुरू में परिवार ने दावा किया कि राधिका ने आत्महत्या की है। लेकिन पुलिस की जांच में सामने आया कि गोली लगने के निशान आत्महत्या की दिशा से मेल नहीं खा रहे थे। शक के आधार पर जब दीपक यादव से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
सोशल मीडिया और पिता की असहजता
Radhika Yadav की सोशल मीडिया उपस्थिति और इन्फ्लुएंसर बनने की चाहत भी इस वारदात की वजह बनी। दीपक यादव को रील्स बनाना, वीडियो डालना और ब्रांड्स से ऑफर मिलना ‘घर की मर्यादा’ के खिलाफ लगता था। वह नहीं चाहता था कि उसकी बेटी इस तरह से सार्वजनिक हो। पुलिस इस एंगल की भी जांच कर रही है कि क्या किसी पर्सनल रिलेशनशिप या सोशल मीडिया कम्युनिकेशन से दीपक असहज था।
समाज में उभरा गुस्सा और सदमा
राधिका के जानने वालों को आज भी इस घटना पर यकीन नहीं हो रहा। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि राधिका और उसके पिता के बीच अच्छी बॉन्डिंग थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों से दोनों के बीच टेंशन बढ़ने लगी थी, खासकर अकादमी के खर्चों और उसकी सोशल मीडिया एक्टिविटी को लेकर।
Radhika Yadav की मां मंजू सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें कभी नहीं लगा कि दीपक ऐसा कदम उठा लेगा।
पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई
दीपक यादव को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। हत्या में प्रयुक्त लाइसेंसी रिवॉल्वर जब्त कर ली गई है और इसके लाइसेंस की भी जांच की जा रही है। पुलिस अब राधिका के सोशल मीडिया अकाउंट्स, अकादमी संचालन से जुड़े दस्तावेजों और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स की भी जांच कर रही है।

एक होनहार बेटी, एक असहिष्णु पिता
यह घटना समाज के उस कटु सत्य को उजागर करती है जहां एक होनहार बेटी अपने सपनों को उड़ान देने की कोशिश करती है, लेकिन परिवार की रूढ़िवादी सोच उसे मौत के मुंह में धकेल देती है। Radhika Yadav की कहानी सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक मानसिकता की भी हत्या है, जो महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने पर सवाल उठाती है।
Radhika Yadav की दर्दनाक मौत ने यह दिखा दिया कि सफलता पाने के बाद भी महिलाओं को अपने ही घर में सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यह केस सिर्फ एक मर्डर नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और पीढ़ियों की सोच के टकराव का प्रतीक बन गया है। अब यह देखना होगा कि क्या समाज ऐसे मामलों से कुछ सीखेगा या फिर ऐसे हादसे यूं ही दोहराए जाते रहेंगे।
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