संसद में Operation Sindoor पर जमकर बहस, जयशंकर ने कहा – “22 अप्रैल से 17 जून तक पीएम-ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं”

संसद के मानसून सत्र में Operation Sindoor पर गरमागरम बहस, जयशंकर ने विपक्ष के सवालों का दिया जवाब। पढ़ें पूरी खबर।
नई दिल्ली: 28 july संसद के मानसून सत्र का छठा दिन Operation Sindoor और भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर पर चर्चा के लिए समर्पित रहा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस चर्चा की शुरुआत की, जिसके बाद पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं ने अपने-अपने तर्क रखे। विपक्षी नेताओं ने Operation Sindoor और Ceasefire को लेकर सरकार पर कई सवाल उठाए, जिनका जवाब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिया।
विदेश मंत्री जयशंकर का बड़ा बयान
विदेश मंत्री जयशंकर ने सदन में स्पष्ट किया कि “22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई।” उनके इस बयान के बाद विपक्ष के नेता हंगामा करने लगे। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ा जवाब देते हुए कहा, “विदेश मंत्री ने निष्ठा की शपथ ली है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को उन पर भरोसा नहीं है। यही वजह है कि वे अगले 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे, जहां अभी हैं।”
Operation Sindoor के बाद कैसे हुआ Ceasefire?
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इस ऑपरेशन के दौरान किसी भी आम नागरिक या सैन्य ठिकाने को नुकसान नहीं पहुंचा। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। भारतीय सेना ने इन हमलों को विफल करते हुए पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ।
इससे पहले, भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना के 11 ठिकानों को निशाना बनाया था और उनकी 20% सैन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन करके सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा
भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर की जानकारी सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्ध रुकवाया। हालांकि, भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि सीजफायर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई बातचीत का नतीजा था, न कि किसी बाहरी हस्तक्षेप का।
सुरक्षा परिषद ने आतंकवाद की निंदा की
विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमारी कूटनीति का केंद्र संयुक्त राष्ट्र था। सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल के अपने बयान में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और आतंक के अपराधियों को सजा दिलाने पर जोर दिया।”
इस प्रकार, संसद में हुई इस बहस ने एक बार फिर भारत की मजबूत रणनीति और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को उजागर किया।
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