लखनऊ में TCS Server खराब, पासपोर्ट सेवाएं ठप – 5,000 आवेदक प्रभावित!

लखनऊ के रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में टीसीएस सर्वर खराब होने से सेवाएं बाधित, 5,000 आवेदकों को नए अपॉइंटमेंट लेने होंगे। दूरदराज से आए लोगों को निराश लौटना पड़ा।
लखनऊ, 20 जून 2025: लखनऊ के हजरतगंज स्थित रतन स्क्वायर पासपोर्ट सेवा केंद्र पर गुरुवार को TCS Server में गड़बड़ी के कारण पासपोर्ट संबंधी सभी सेवाएं ठप हो गईं। इससे 5,000 से अधिक आवेदकों को अपना काम रुकवाना पड़ा, जिन्हें अब नए सिरे से अपॉइंटमेंट लेने होंगे। इस विफलता से आवेदकों के पासपोर्ट जारी होने में 10-15 दिन की देरी का अनुमान है।
TCS Server की विफलता
गुरुवार को लखनऊ के रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र पर एक बड़ी तकनीकी समस्या ने सैकड़ों आवेदकों के काम को अस्त-व्यस्त कर दिया। सुबह से ही सामान्य रूप से चल रही सेवाएं दोपहर 12 बजे के बाद अचानक बाधित हो गईं, जब TCS Server पहले स्लो हुआ और फिर पूरी तरह क्रैश हो गया। इससे पहले मात्र 1,500 आवेदकों का ही काम हो पाया था, जबकि रोजाना यहां लगभग 6,500 अपॉइंटमेंट्स दिए जाते हैं। सर्वर के फेल होते ही पूरे केंद्र पर अराजकता फैल गई – रतन स्क्वायर में घंटों लंबी कतारें लग गईं, जहां भीषण गर्मी और उमस के बीच सैकड़ों लोग बेबसी से सर्वर के दोबारा चालू होने का इंतजार करते रहे। स्थिति यह बन गई कि दोपहर 3 बजे तक भी जब सिस्टम रिकवर नहीं हुआ तो अधिकारियों ने लोगों को वापस जाने के लिए कह दिया। सबसे ज्यादा मुश्किल उन आवेदकों को हुई जो दूरदराज के जिलों जैसे गोरखपुर, अयोध्या, कानपुर और झांसी से सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करके आए थे – इनमें से कई लोगों ने बताया कि वे विशेष रूप से इस काम के लिए छुट्टी लेकर आए थे और अब उन्हें नया अपॉइंटमेंट लेने के लिए फिर से यही सफर तय करना होगा।
इस पूरी समस्या के पीछे TCS Server में लगातार बनी रहने वाली तकनीकी खामियां हैं, जिन्हें पिछले कई दिनों से नजरअंदाज किया जा रहा था। केंद्र पर तैनात कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सर्वर( TCS Server)की क्षमता को कभी भी आवेदकों की बढ़ती संख्या के अनुरूप अपग्रेड नहीं किया गया, जिसके कारण यह समस्या लगातार बनी हुई है। इस विफलता का एक गंभीर परिणाम यह हुआ है कि अब केंद्र पर काम का भारी बैकलॉग जमा हो गया है – न केवल उन आवेदकों का काम पेंडिंग है जो गुरुवार को आए थे, बल्कि अगले कुछ दिनों के अपॉइंटमेंट्स भी प्रभावित होंगे। कर्मचारियों का कहना है कि इस बैकलॉग को संभालना अब उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि सिस्टम के स्थिर होने के बाद उन्हें सामान्य काम के साथ-साथ इस पेंडेंसी को भी निपटाना होगा, जिससे आने वाले दिनों में भीड़ और देरी की स्थिति और बिगड़ सकती है।
क्यों हो रही है लगातार समस्या?
- TCS Server में पिछले कई दिनों से तकनीकी खामियां बनी हुई हैं, लेकिन इन्हें ठीक नहीं किया गया।
- कर्मचारियों का कहना है कि सर्वर की क्षमता आवेदकों की संख्या के अनुरूप अपग्रेड नहीं की गई है।
- पेंडेंसी बढ़ने से अब कर्मचारियों के सामने बैकलॉग को संभालने की चुनौती है।
आवेदकों की पीड़ा: “300 किमी का सफर बेकार गया”
- रमेश कुमार (बलरामपुर): “मैंने कल रात ही ट्रेन पकड़ी थी। अब दोबारा आने के लिए छुट्टी लेनी पड़ेगी।”
- प्रिया सिंह (झांसी): “मेरी फ्लाइट 25 जून की है, लेकिन पासपोर्ट मिलने में अब देरी होगी।”
- मोहम्मद सलीम (गोरखपुर): “सिस्टम ठीक नहीं है तो हम जैसे गरीबों का पैसा और समय बर्बाद क्यों करवाया जा रहा है?”
क्या कहते हैं अधिकारी?
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) के एक प्रवक्ता ने बताया कि “टीसीएस की टीम समस्या को ठीक करने में लगी है। प्रभावित आवेदकों को जल्द नए अपॉइंटमेंट दिए जाएंगे।”
आगे की कार्रवाई
- प्रभावित आवेदकों को नए स्लॉट ऑनलाइन या एसएमएस के जरिए दिए जाएंगे।
- TCS Server की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
- अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करके बैकलॉग कम करने की कोशिश की जाएगी।
यह घटना पासपोर्ट सेवाओं की नाजुक तकनीकी निर्भरता को उजागर करती है। जबकि सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है, ऐसी विफलताएं आम नागरिकों के लिए मुसीबत खड़ी कर देती हैं। अब देखना है कि क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बैकअप सिस्टम विकसित किए जाएंगे?
बाराबंकी से ईरान तक: Khamenei (खामेनेई) के पूर्वजों की अनकही दास्तां!