क्या Kolkata अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगा रहा है? देशभर में उठे सवाल

Kolkata Police ने 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी एक विवादास्पद वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया। जानिये पूरा मामला
लखनऊ 2 जून 2025: Kolkata Police ने 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को एक विवादास्पद वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह वीडियो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित था, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड के ‘तीन खान’ की चुप्पी पर सवाल उठाए और एक विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पनोली ने इसे हटा दिया और माफी मांगी।
Kolkata Police का कानूनी पक्ष
Kolkata Police के अनुसार, पनोली के खिलाफ 15 मई को गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। Kolkata Police का कहना है कि यह कार्रवाई उनके पाकिस्तान विरोधी विचारों या देशभक्ति जताने के लिए नहीं, बल्कि एक ऐसे वीडियो के लिए की गई है, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाला माना गया। उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के आरोप हैं। पुलिस ने बताया कि उन्हें कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिसके चलते अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर कोलकाता लाया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
इस गिरफ्तारी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। बीजेपी सांसद कंगना रनौत और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने इस कार्रवाई की आलोचना की है। कंगना ने इसे ‘उत्तर कोरिया’ जैसी स्थिति करार दिया, जबकि पवन कल्याण ने ‘सनातन धर्म’ के अपमान पर चुप्पी साधने वालों की आलोचना की।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने भी इस गिरफ्तारी की निंदा की है और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। उन्होंने शर्मिष्ठा की तत्काल रिहाई की मांग की है।
यह मामला सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक सहिष्णुता के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को उजागर करता है। पुलिस का कहना है कि कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है, जबकि आलोचक इसे राजनीतिक दबाव और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश के रूप में देख रहे हैं।
ये भी पढ़ें: COVID-19 का खतरा फिर गहराया: 3961 एक्टिव केस, 32 मौतें- ताज़ा अपडेट
2 thoughts on “क्या Kolkata अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगा रहा है? देशभर में उठे सवाल”