Big Breaking: Jagdeep Dhankhar ने स्वास्थ्य कारणों से दिया उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा

उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankharने स्वास्थ्य समस्याओं के चलते पद से इस्तीफा दे दिया। जानें उनके राजनीतिक सफर और इस्तीफे की पूरी कहानी।
नई दिल्ली:22 july देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति Jagdeep Dhankhar ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने अपने 8 पैराग्राफ के इस्तीफा पत्र में सेहत को ही इस्तीफे की मुख्य वजह बताया है। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के साथ-साथ सांसदों के सहयोग के लिए आभार जताया है।
“लोकतंत्र के मूल्यों को सीखने का अवसर मिला”
अपने इस्तीफा पत्र में Jagdeep Dhankhar ने लिखा, “राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति के रूप में काम करते हुए मुझे लोकतंत्र के कई मूल्य सीखने को मिले। भारत के लोकतांत्रिक सफर का हिस्सा बनना एक अनूठा अनुभव रहा।” उन्होंने कहा कि देश के विकास और वैश्विक पटल पर उभरते भारत का हिस्सा बनने पर उन्हें गर्व है।
मार्च में हुई थी स्वास्थ्य समस्या
इसी साल मार्च 2024 में धनखड़ को सीने में दर्द की शिकायत के बाद AIIMS में भर्ती कराया गया था। इसके बाद वह बजट सत्र की कार्यवाही में भी शामिल नहीं हो पाए थे। उनके स्वास्थ्य को लेकर पहले से ही चर्चाएं थीं, जिसके बाद अब उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया है।
ममता बनर्जी से रही तनातनी
11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति बनने से पहले Jagdeep Dhankhar पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे थे। इस दौरान उनकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कई बार तीखी बहस हुई थी। राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल विवादों में घिरा रहा, जिसके बाद उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना गया।
झुंझुनूं के जाट परिवार से हैं Jagdeep Dhankhar
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में एक जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की और बाद में सुप्रीम कोर्ट में वकालत की। उन्हें जाटों को आरक्षण दिलाने में अहम भूमिका निभाने के लिए भी जाना जाता है।
राजनीतिक सफर: कांग्रेस से BJP तक
- 1989: जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से सांसद चुने गए।
- 1993: कांग्रेस में शामिल होकर किशनगढ़ से विधायक बने।
- 2003: BJP में शामिल हुए और पार्टी के कानूनी विभाग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 2019: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने।
- 2022: देश के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए।
जगदीप धनखड़ ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उनका इस्तीफा देश की राजनीति में एक नए मोड़ का संकेत देता है। अब देखना होगा कि उनके बाद उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाती है।