International Day of Innocent Children Victims of Aggression 2025: हर बच्चा सुरक्षित हो- अब और नहीं!

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International Day of Innocent Children Victims of Aggression 2025

अंतरराष्ट्रीय निर्दोष बाल पीड़ित दिवस (International Day of Innocent Children Victims of Aggression) 2025: जानिए इस दिन का इतिहास, उद्देश्य, थीम और भारत में बच्चों के खिलाफ हिंसा के चौंकाने वाले आंकड़े।

लखनऊ 4 जून 2025: हर साल 4 जून को “अंतरराष्ट्रीय निर्दोष बाल पीड़ित दिवस” (International Day of Innocent Children Victims of Aggression) मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना 1982 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी, जब लेबनान में इजरायली हमलों के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों की मौत और घायल होने की घटनाएं सामने आई थीं। इस दिन का उद्देश्य युद्ध, हिंसा और आक्रोश के शिकार बच्चों के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाना है।

2025 की थीम: “मासूमियत की रक्षा, भविष्य की सुरक्षा”

इस वर्ष की थीम “मासूमियत की रक्षा, भविष्य की सुरक्षा” (Protecting Innocence, Securing the Future) है, जो इस बात पर जोर देती है कि बच्चों की सुरक्षा केवल एक नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक सामाजिक और वैश्विक आवश्यकता है।

भारत में बच्चों के खिलाफ हिंसा: एक चिंताजनक स्थिति

यौन शोषण और बलात्कार

  • 2022 में भारत में बच्चों के यौन शोषण के 64,469 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 38,444 बलात्कार के मामले शामिल हैं।
  • हर घंटे औसतन 7 बच्चे यौन अपराधों का शिकार होते हैं।
  • 243,237 मामले फास्ट-ट्रैक अदालतों में लंबित हैं, और केवल 3% मामलों में ही दोषसिद्धि हुई है।

बाल विवाह

  • 2023-24 में भारत में 73,000 से अधिक बाल विवाह रोके गए।
  • फिर भी, हर दिन औसतन 4,442 बाल विवाह होते हैं, जो दर्शाता है कि यह समस्या अभी भी व्यापक है।

बाल देखभाल संस्थानों में शोषण

  • 2018-19 से 2022-23 के बीच, बाल देखभाल संस्थानों में 77 यौन शोषण के मामले दर्ज किए गए।
  • उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 12 मामले सामने आए।

अनाथ बच्चों की स्थिति

  • भारत में 50% अनाथ बच्चे किसी न किसी प्रकार के शोषण या उत्पीड़न का सामना करते हैं।
  • 30% अनाथ बच्चे मानव तस्करी के शिकार होते हैं।
  • 40% अनाथ बच्चे बाल श्रम में लगे होते हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार:

  • 8,630 से अधिक बच्चे मारे गए या घायल हुए।
  • 7,622 बच्चों को सशस्त्र समूहों द्वारा भर्ती किया गया।
  • 3,985 बच्चों का अपहरण किया गया।
  • 1,166 बच्चे यौन हिंसा के शिकार हुए।
  • 1,846 स्कूलों और अस्पतालों पर हमले हुए।

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि युद्ध और संघर्ष क्षेत्रों में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, और उनकी सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

International Day of Innocent Children Victims of Aggression- सरकारी और सामाजिक प्रयास

  • “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत 2024 में 330,000 से अधिक बाल विवाह रोके गए।
  • “चाइल्डलाइन 1098” हेल्पलाइन के माध्यम से हर साल लगभग 400,000 बच्चों को बचाया जाता है।
  • “आरंभ इंडिया” जैसे संगठन बच्चों के यौन शोषण के खिलाफ जागरूकता और सहायता प्रदान करते हैं।

“अंतरराष्ट्रीय निर्दोष बाल पीड़ित दिवस” (International Day of Innocent Children Victims of Aggression) हमें याद दिलाता है कि बच्चों की सुरक्षा केवल सरकार या संगठनों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। हमें मिलकर एक ऐसा समाज बनाना होगा जहां हर बच्चा सुरक्षित, सम्मानित और खुशहाल जीवन जी सके।

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