Hathras Road Accident: बस से गर्दन बाहर निकालने पर 11 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत!

Hathras Road Accident – 11 वर्षीय बच्चे ने बस से गर्दन बाहर निकाली तो टाटा 407 की चपेट में आकर उसकी गर्दन धड़ से अलग हो गई। जानें पूरी घटना और सुरक्षा सलाह।
Hathras, 23 जून – एक छोटी सी लापरवाही ने एक परिवार की दुनिया ही उजाड़ दी। Hathras के कोतवाली जंक्शन क्षेत्र के पास कैलोरा में आज एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसमें 11 वर्षीय मोहम्मद अली की मौत हो गई। बच्चा अपने परिवार के साथ एक शादी में शामिल होने जा रहा था, लेकिन बस से गर्दन बाहर निकालने की गलती ने उसकी जान ले ली।
कैसे हुआ हादसा?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मोहम्मद अली अपने Hathras से परिवार के साथ एक बरात में शामिल होने के लिए बस में सवार था। वह बस की खिड़की वाली सीट पर बैठा था और रास्ते में बाहर का नज़ारा देखने के लिए गर्दन खिड़की से बाहर निकाल ली। तभी सामने से आ रही एक टाटा 407 पिकअप वैन उसकी गर्दन से टकरा गई।
गर्दन धड़ से अलग, सड़क पर बिखरा खून
टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि बच्चे की गर्दन धड़ से अलग होकर सड़क पर जा गिरी। बस में मौजूद यात्रियों की आँखें देखते ही देखते डर से फट गईं। जैसे ही परिवार वाले नीचे उतरे और बच्चे की कटी हुई गर्दन को उठाया, सभी की आँखों से आँसू छलक पड़े।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
- मौके पर पहुँची पुलिस ने बच्चे के शव को स्थानीय अस्पताल भेजा।
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
- टाटा 407 का चालक हादसे के बाद फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने गाड़ी को ज़ब्त कर लिया और ड्राइवर की तलाश जारी है।
शादी की खुशियां मातम में बदल गईं
परिवार वाले एक खुशी के मौके पर जा रहे थे, लेकिन इस दर्दनाक हादसे ने शादी की रौनक को मातम में बदल दिया। घर वालों का कहना है कि बच्चा पढ़ाई में बहुत होशियार था और परिवार की उम्मीदों का केंद्र था।
सुरक्षा सलाह: कभी भी वाहन से अंग बाहर न निकालें
Hathras यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि बस, कार या किसी भी वाहन में सफर करते समय खिड़की से गर्दन या हाथ बाहर नहीं निकालना चाहिए। छोटी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
क्या कहते हैं ट्रैफिक एक्सपर्ट?
- बच्चों को हमेशा वाहन के अंदर ही बैठाएं और खिड़की से दूर रखें।
- सीट बेल्ट या चाइल्ड लॉक का उपयोग करें ताकि बच्चा खिड़की की तरफ न झुके।
- ड्राइवरों को भी सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर ओवरटेकिंग के दौरान।
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