DGMO Press Conference: भारत ने पेश किए ठोस सबूत!

नई दिल्ली | 10 मई 2025:
DGMO Provide Evidence of Operation Sindoor: पहलगाम अटैक के बाद भारत की तीनों सेनाओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर की पुष्टि की और आतंकियों के 9 ठिकानों पर कार्रवाई के सबूत पेश किए।
भारत की तीनों सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आज एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए इस व्यापक सैन्य अभियान की पुष्टि की गई। सेना ने न केवल इस ऑपरेशन के दायरे और लक्ष्य साझा किए, बल्कि यह भी बताया कि कैसे “DGMO ने Operation Sindoor” के तहत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पुख्ता सबूत भी प्रस्तुत किए गए हैं।
तीनों सेनाओं के DGMO ने साझा की ऑपरेशन की जानकारी:
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आज तीनों सेनाओं के डीजीएमओं ने एक साझा प्रेस कांफ्रेस की। इस प्रेस क्राफेंस में आर्मी के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयरफोर्स डीजीएमओ एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और इंडियन नेवी के वाइस एडमिरल एएन प्रमोद शामिल हुए।
प्रेस कांफ्रेंस में शामिल :
- आर्मी DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई
- एयरफोर्स DGMO एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती
- नेवी के वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि पहलगाम अटैक में 26 लोगों की मौत के बाद यह ऑपरेशन शुरू किया गया। ऑपरेशन का लक्ष्य था—आतंकी साजिशकर्ताओं और उनके ठिकानों को सटीकता से खत्म करना।
9 आतंकी ठिकानों पर हमला, 100 से अधिक आतंकी ढेर
भारतीय सेना की खुफिया एजेंसियों ने 9 आतंकवादी ठिकानों की पहचान की जिनमें से कुछ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और कुछ पाकिस्तान के भीतर थे मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय भी लक्ष्य में शामिल था, जहां अजमल कसाब और डेविड हेडली को ट्रेनिंग दी गई थी
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, ‘हमने इन आतंकीठिकानों की सटीकता से पहचान की और इनके सबूत वापस लाने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित की। हमने इस आपरेशन के दौरान सीमा पार के 9 ठिकानों पर हमला किया जिसमें 100 आतंकवादी मारे। जिनमें से कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक में शामिल तीन बड़े आतंकी चेहरे भी मार गिराए गए हैं।’
इस ऑपरेशन में:
- 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए
- कंधार हाईजैक और पुलवामा अटैक से जुड़े 3 बड़े आतंकी कमांडर भी मारे गए
एयरफोर्स की भूमिका: बिना कोलैटरल डैमेज के हमला
एयर मार्शल भारती ने बताया कि एयरफोर्स को 9 में से 6 टारगेट दिए गए इन पर एयर-टू-सर्फेस मिसाइलों से हमला किया गया खास ध्यान रखा गया कि कोलैटरल डैमेज (सिविलियन नुकसान) न हो विशेष रूप से मुरीदके के टेरर कैंप पर 4 निर्देशित मिसाइलें दागी गईं जिससे वह ठिकाना पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया गया।
क्यों जरूरी था ऑपरेशन सिंदूर
- 2025 की शुरुआत में पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले ने देश को झकझोर दिया, जिसमें आतंकी संगठनों ने सीमा पार से अपनी गतिविधियाँ बेरोकटोक जारी रखीं। इस घटना के बाद सरकार और सेना पर त्वरित जवाबी कार्रवाई का दबाव बढ़ गया। इसी कड़ी में, ऑपरेशन सिंदूर एक रणनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में शुरू किया गया, जो भारत की आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट करता है। यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
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