World Milk Day 2025: पोषण की क्रांति में भारत का सकारात्मक योगदान

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World Milk Day 2025 का उद्देश्य पोषण, स्वास्थ्य और सतत डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना है। जानिए इस साल की थीम, भारत की भूमिका और डेयरी क्षेत्र में हो रहे बदलाव।

लखनऊ 1 जून 2025:  हर साल 1 जून को मनाया जाने वाला ‘विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day)’ इस बार भी वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य, पोषण और डेयरी उद्योग के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया गया। 2025 की थीम है – “Drink Milk: Nourish the Future” (दूध पिएं, भविष्य को पोषित करें)।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा वर्ष 2001 में इस दिवस की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य दूध के वैश्विक महत्व को रेखांकित करना और डेयरी क्षेत्र में योगदान देने वाले किसानों, वैज्ञानिकों और सप्लाई चेन को सम्मानित करना है।

World Milk Day 2025 की थीम: “Drink Milk: Nourish the Future”

यह थीम न सिर्फ पोषण और हेल्दी लाइफस्टाइल पर ज़ोर देती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे डेयरी उद्योग जलवायु परिवर्तन, पशु कल्याण और आर्थिक विकास में योगदान दे सकता है।

भारत की भूमिका: दुग्ध उत्पादन में अग्रणी देश

भारत, जो वर्षों से विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना हुआ है, ने इस मौके पर विभिन्न राज्य स्तरीय कार्यक्रमों, सेमिनार और स्कूल अभियानों के माध्यम से दूध के स्वास्थ्य लाभ और डेयरी किसानों के योगदान को सामने लाया।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष महिला डेयरी उद्यमियों को सम्मानित किया गया।
  • डेयरी सहकारी समितियों ने पर्यावरण-संवेदनशील तरीकों से दूध उत्पादन को बढ़ावा देने पर बल दिया।

डेयरी और सतत विकास:

डेयरी सेक्टर अब केवल पोषण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह:

  • स्थानीय रोजगार प्रदान कर रहा है
  • क्लीन एनर्जी (बायोगैस) के विकल्प दे रहा है
  • जैविक खाद और अपशिष्ट प्रबंधन में भी भूमिका निभा रहा है

सरकार और ब्रांड्स की पहल:

  • NDDB (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) ने “स्वस्थ भारत के लिए दूध” अभियान चलाया
  • कई निजी डेयरी ब्रांड्स ने सोशल मीडिया पर “ग्लास ऑफ मिल्क चैलेंज” शुरू किया

World Milk Day सिर्फ दूध के फायदे बताने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्वास्थ्य, सतत विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए डेयरी क्षेत्र की अहम भूमिका को उजागर करता है। आने वाले वर्षों में “स्मार्ट डेयरी” और “ग्रीन डेयरी” की दिशा में भारत समेत पूरी दुनिया को और प्रयास करने की ज़रूरत है।

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