#ISROMourns: भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के स्तंभ डॉ. कस्तूरीरंगन का निधन

बेंगलुरु, 26 अप्रैल 2025: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन का शुक्रवार सुबह 10 बजे बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। उनके पार्थिव शरीर को रविवार को अंतिम संस्कार से पहले रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
इसरो के सबसे लंबे समय तक सेवारत अध्यक्ष
डॉ. कस्तूरीरंगन ने 1994 से 2003 तक लगातार 9 वर्षों तक इसरो के अध्यक्ष के रूप में सेवाएं दीं, जो अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है। उनके नेतृत्व में भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं:
- PSLV का सफल प्रक्षेपण: ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान कार्यक्रम को स्थापित किया
- GSLV का पहला सफल परीक्षण: जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल का मार्ग प्रशस्त किया
- IRS और INSAT उपग्रहों का विकास: IRS-1C, 1D और INSAT की नई पीढ़ियों का प्रक्षेपण
- भारत को वैश्विक पहचान दिलाई: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की नींव रखी
प्रधानमंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “डॉ. कस्तूरीरंगन ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।”
वर्तमान इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने उन्हें “भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के वास्तुकार” बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. कस्तूरीरंगन को 1992 में पद्म भूषण और 2000 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उनके निधन से पूरे वैज्ञानिक समुदाय में शोक की लहर है। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।